सोशल मीडिया व ओटीटी पर अश्लील सामग्री: केंद्र सरकार को ‘सुप्रीम’ नोटिस, मांगा जवाब

नयी दिल्ली। ओटीटी और सोशल मीडिया मंचों पर अश्लील सामग्री के प्रसारण को सोमवार को एक बड़ी चिंता करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि इससे निपटने के लिए विधायिका या कार्यपालिका को उपाय करने हैं। न्यायपालिका पर हाल के हमले की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा, यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। वैसे भी, ढेर सारे आरोप लग रहे हैं कि हम विधायी और कार्यकारी शक्तियों का अतिक्रमण कर रहे हैं।

केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम कुछ ऐसा लेकर आएंगे, जो अभिव्यक्ति की आजादी को संतुलित करेगा और जिसमें (अनुच्छेद) 19 (2) का भी ध्यान रखा जाएगा। कुछ सामग्री न केवल अश्लील होती हैं बल्कि विकृत’ भी । इस संबंध में कुछ नियमन अस्तित्व में हैं, लेकिन कुछ और पर विचार किया जा रहा है। इस पर पीठ ने केंद्र और कुछ सोशल मीडिया एवं ओटीटी मंचों सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण के गठन की भी मांग की है।

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